परिचय
योग सही तरह से जीवन जीने का विज्ञान हैं और इसलिए इसे दैनिक जीवन में शामिल किया जाना चाहिए। यह हमारे जीवन से जुड़े भौतिक, मानसिक, भावनात्मक, आत्मिक और आध्यात्मिक आदि सभी पहलुओं पर काम करता हैं। यह शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने का कार्य करता हैं। योग को सही प्रकार से अभ्यास करने से हम हमारे जीवन को बेहतर बना सकते हैं।
योग का समय
नियमानुसार योग को सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद करना चाहिए। सुबह जल्दी उठकर योग करना अधिक फायदेमंद होता हैं। जितना जल्दी उठकर योग किया जाएगा उतना ही हमें योग का अधिक लाभ मिल पाएगा क्योंकि सुबह का समय एकदम शांत रहता हैं और सुबह के समय हवा भी स्वच्छ और ताजी प्राप्त होती हैं। इसलिए सुबह के समय को योग के लिए अति उत्तम माना गया हैं।
भोजन का समय
योग का अभ्यास हमें हमेशा खाली पेट ही करना चाहिए। अगर आपने भोजन कर लिया हैं तो करीब तीन-चार घंटे बाद ही योग किया जाना चाहिए। साथ ही योग करने के बाद आधे घंटे तक कुछ भी खाना नहीं चाहिए। ताकि योग करते समय हमारे आंतरिक अंगों पर होने वाली दबाव खिंचाव की प्रक्रिया में परेशानी न हो साथ ही हम योगाभ्यास को सरलता से कर सके।
शुरुआत सूक्ष्म व्यायाम से
योग अभ्यास से पहले हल्का वॉर्मअप या सूक्ष्म व्यायाम करना अधिक फायदेमंद हैं। ताकि हमारा शरीर खुल जाए स्फूर्ति आ जाए और शरीर के जितने भी जोड़ हैं उनकी भी गतिविधि सही से हो जाए और आगे के आसनों को करने में भी आसानी हो। क्योंकि शरीर को प्रमुख आसन करने के लिए पहले कुछ सामान्य योग की आवश्यकता होती हैं। जिससे योग करने में हमें सहायता मिलती हैं।
योग प्रशिक्षक से योग सीखना
जो लोग पहली बार योग करने जा रहे हैं उन्हें टीवी देखकर या किताब पढ़कर योग नहीं करना चाहिए। योग किसी कुशल योग प्रशिक्षक की देखरेख में ही करना चाहिए ताकि योगाभ्यास की प्रक्रिया को ठीक से समझा जा सके। साथ ही गलती होने पर उसे ठीक भी किया जा सकें। जिससे योग का सही लाभ हमारे शरीर को मिल पाए और योग के माध्यम से हम अधिक उम्र तक स्वस्थ बने रहे।
योग में स्नान की भूमिका
योगाभ्यास करने के पहले हमें मौसम के अनुसार पानी से नहाना जरूर चाहिए। ठंड और वर्षा काल मे पानी को गुनगुना करके नहाना चाहिए। योगाभ्यास के तुरंत बाद भी नहीं नहाना चाहिए बल्कि कुछ देर इंतजार करना चाहिए। ताकि योगाभ्यास करने से जो पसीना शरीर से बाहर निकला हैं वह पहले सूख जाए और शरीर पुनः सामान्य तापमान में आ जाए।
योग में वस्त्रों का चयन
योगाभ्यास हमेशा आरामदायक कपड़े पहनकर ही करना चाहिए। ताकि हमें योग करते समय कोई भी परेशानी न हो और आसनों को हम ठीक प्रकार से पूरी प्रक्रिया के साथ कर सकें। ऐसा करने से आसनों और अन्य गतिविधियों का पूर्ण लाभ मिल पाएगा और हम योग को अपने जीवन का हिस्सा बना पाएंगे। आरामदायक कपड़ो में लोअर टीशर्ट , कुर्ता-पजामा या सलवार-कमीज ही पहनना चाहिए।
साफ और स्वच्छ स्थान
जहां आप योग कर रहे हैं वो जगह साफ-स्वच्छ और शांत होनी चाहिए। ताकि योगाभ्यास को बेहतर तरीके से किया जा सके। क्योंकि शांत और स्वच्छ जगह पर योगाभ्यास किया जाता हैं तो उससे मन को प्रसन्नता मिलती हैं। और मन विचारों में भटकने के बजाय एक जगह स्थिर होने का प्रयास करता हैं। ऐसा माना जाता है कि साफ और स्वच्छ स्थान होने से जो कार्य किया जाए वो सफल होता हैं।
सकारात्मक विचार
योग करते समय नकारात्मक विचारों को अपने मन में बिलकुल भी नहीं आने देना चाहिए और सकारात्मक विचारों को अपने मन मे लाने का प्रयास करना चाहिए। क्योंकि सकारात्मकता से ही नए रास्ते प्राप्त होते हैं और जीवन खुशियों से भर जाता हैं। हमारे जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण लाने में योग अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं।
धैर्य की आवश्यकता
योग अभ्यास का सबसे जरूरी नियम यह है कि इसे धैर्य से करना चाहिए और किसी भी आसन में अधिक बल का प्रयोग नहीं करना चाहिए बल्कि अपनी क्षमता के अनुसार ही करना चाहिए। और किसी भी अन्य की देख कर तो बिल्कुल भी न करें क्योंकि हर व्यक्ति के शरीर की बनावट अलग-अलग होती हैं। जिससे किसी को योगाभ्यास करने में आसानी तो किसी को मुश्किल होती हैं।
श्वांस की भूमिका
योगाभ्यास में सांस लेने और छोड़ने की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं। जिसका पूर्ण ज्ञान होना बहुत जरूरी हैं। योगाभ्यास में सबसे पहले हमें श्वास अभ्यास को ठीक प्रकार से सीख लेना चाहिए। ताकि योगाभ्यास के समय हमें सांस लेने और छोड़ने में परेशानी न हो और योगाभ्यास को ठीक प्रकार से किया जा सके जिससे कि शरीर को योग में आसानी हो और पूर्ण लाभ प्राप्त हो सके।
चिकित्सक की सलाह
अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित या गर्भवती स्त्री हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही योग अभ्यास की शुरुआत करना चाहिए। साथ ही किसी कुशल योग प्रशिक्षक की देखरेख में योग की शुरुआत करना चाहिए। अगर गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं तो चिकित्सक की सलाह से ही उनके बताए हुए योग आसनों को क्षमता अनुसार करना चाहिए। उसके बिना तो बिल्कुल नही।
शिथलीकरण आसन
हमेशा योग आसन के बीच में दण्डासन और मकरासन का अभ्यास करना चाहिए और अंत में हमें शवासन भी जरूर करना चाहिए। ताकि तन और मन पूरी तरह शांत हो जाए। शवासन करने पर ही योग का पूरी तरह से लाभ मिलता हैं। शरीर के साथ मन को भी आराम की आवश्यकता होती हैं। मन और शरीर दोनों को एक साथ शांति प्रदान करने में शवासन और योग निंद्रा की महत्वपूर्ण भूमिका हैं।
साधारण पानी
योग के दौरान ठंडा पानी नही पीना चाहिए क्योंकि योग करते समय शरीर गर्म होता हैं। इसलिए ठंडे पानी की जगह साधारण या गुनगुना पानी ही पिएं। ताकी शरीर को नुकसान न हो और हम स्वस्थ रहें। योग करते समय बहुत सारा पानी पीने से भी बचना चाहिए आवश्यकता होने पर ही पानी पीना चाहिए। अगर पानी की आवश्यकता महसूस हो तब थोड़ा पानी ही पीना चाहिए।
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