परिचय
हठयोग चित्त वृत्तियों के प्रवाह को संसार की ओर जाने से रोककर अंतर्मुखी करने की एक प्राचीन भारतीय साधना पद्धति हैं। जिसमें सोई हुई कुंडलिनी को जाग्रत कर नाड़ी मार्ग से ऊपर उठाने का प्रयास किया जाता हैं और विभिन्न चक्रों में स्थिर करते हुए उसे मूलाधार से सहस्रार चक्र तक ले जाया जाता हैं। हठयोग प्रदीपिका, घेरंड संहिता, शिव संहिता आदि हठ योग के प्रमुख ग्रंथ हैं।
हठ योग का अर्थ
'ह' का अर्थ सूर्य तथा 'ठ' का अर्थ चन्द्र बताया गया हैं। सूर्य और चन्द्र की समान अवस्था ही (सूर्य-चन्द्र का योग) हठयोग हैं। शरीर में 72000 नाड़ियाँ हैं। उनमें तीन प्रमुख नाड़ियां सूर्यनाड़ी अर्थात् पिंगला, जो दाहिने स्वर का प्रतीक हैं। चन्द्रनाड़ी अर्थात् इड़ा, जो बायें स्वर का प्रतीक हैं। इन दोनों के बीच तीसरी नाड़ी सुषुम्ना हैं। इस प्रकार ह और ठ के संयोग को हठयोग कहा गया हैं।
हठ योग के अंग
हठयोग प्रदीपिका - स्वामी स्वात्माराम
हठयोग प्रदीपिका में योग के चार अंगों का वर्णन हैं -
आसन, प्राणायाम, मुद्रा, नादानुसंधान
घेरण्ड संहिता - महर्षि घेरंड
घेरण्ड संहिता में योग के सात अंगों का वर्णन हैं -
षटकर्म, आसन, मुद्रा, प्रत्याहार, प्राणायाम, ध्यान, समाधि
हठ योग के उद्देश्य
- शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना।
- चक्रों के माध्यम से आध्यात्मिकता का विकास करना।
- कुंडलिनी जागरण में सहायता प्रदान करना।
- श्वास जागरूकता और ध्यान को बढ़ावा देना।
- षट् कर्मों के माध्यम से आंतरिक शुद्धि करना।
- स्वयं के साथ गहरा संबंध स्थापित करना।
- शरीर को लचीला बनाकर हड्डियों को मज़बूत करना।
हठ योग शैली शरीर और मन को शांत करने में मदद करती हैं। हठयोग प्राणों का उत्थान कर चेतना के नये आयामों को सामने लाता हैं। मानव मन को शक्तिशाली व प्रतिभावान बनाता हैं। मुद्रा और बंध के माध्यम से सुप्त चेतना की जाग्रति होती हैं। हठयोग के विभिन्न अभ्यासों को सामान्य जीवन में अपनाकर व्यक्तित्व का बहुआयामी विकास किया जा सकता हैं।
हठ योग के लाभ
- शरीर के तंत्रिका तंत्र को लाभ प्रदान करता हैं।
- षट् कर्म से शरीर को अंदर से शुद्ध करता हैं।
- शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता हैं।
- मानसिक समस्याओं से मुक्ति दिलाता हैं।
- हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करता हैं।
- ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में सहायता करता हैं।
- दिल की बीमारियों से खतरे को कम करता हैं।
No comments:
Post a Comment