परिचय
यौगिक गहरी श्वास से प्राण शक्ति बढ़ने लगती हैं। शरीर के अन्दर की गंदगी बाहर निकलती हैं और योग अभ्यासी एक अलग आनन्द को प्राप्त करने लगता हैं। यौगिक गहरी श्वास फेफड़ों को मजबूत बनाने की क्रिया हैं जिसे करने से फेफड़े अधिक लचीले बनते हैं और शरीर के अंदर अधिक मात्रा में प्राण वायु प्रवेश करती हैं। जिससे प्राणों की ताकत बढ़ती हैं और बुद्धि क्रियाशील होती हैं।
यौगिक गहरी श्वास लेने की विधि
यौगिक गहरी श्वास के अभ्यास के लिए समतल जमीन पर एक मैट (दरी, चटाई या चादर) बिछा लें। उस पर आराम से सुखासन में बैठ जाएं। नासिका से धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें। गहरी सांस लेने के लिए मन में गिनती गिन सकते हैं। चाहें तो ओम का उच्चारण भी कर सकते हैं। या फिर केवल साँस पर ध्यान लगाकर भी यौगिक श्वसन कर सकते हैं।
यौगिक गहरी श्वास के लाभ
- यौगिक गहरी सांस से एकाग्रता बढ़ जाती हैं।
- यौगिक गहरी सांस लेने से फेफड़े मजबूत होते हैं।
- अंदरूनी अंगों तक शुद्ध वायु प्रवेश करती हैं।
- यौगिक गहरी सांस से पेट निरोग बनता हैं।
- इस प्रक्रिया से पाचन तंत्र अच्छे से कार्य करता हैं।
- यौगिक गहरी सांस से पेट के रोग दूर हो जाते हैं।
- यौगिक गहरी सांस लेने से रक्त भी शुद्ध होता हैं।
- गहरी सांस हमेशा शांत माहौल में ही लेना चाहिए।
- गहरी सांस लेते हुए हमेशा अपनी आंखें बंद रखें।
- धीरे-धीरे इसके अभ्यास का समय बढ़ाना चाहिए।
- सांस लेते और छोड़ते समय ज्यादा जोर न लगाएं।
- सांस धीरे-धीरे लें और धीरे-धीरे ही छोड़ें।
- सांस लेने और छोड़ने का समय बराबर होना चाहिए।
- श्वसन के समय सांसो की आवाज नहीं आना चाहिए।
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